श्री राकेश झुनझुनवाला के बारे में कुछ अन्दर की बात को बहुत कम लोग जानते हैं

श्री राकेश झुनझुनवालाजी की जिन्होंने 62 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में अपनी आखिरी सांस ली उसने इंडिया के लगभग हर एक छोटा हो या फिर हम सभी को मेंटली डिस्टर्ब कर दिया जाता था
उन्होंने 62 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में अपनी आखिरी सांस ली इस लोक में इंडिया के लगभग हार्वेस्टर चाहे छोटा हो या फिर बड़ा हम सभी को मेंटली डिस्टर्ब कर दिया राकेश को एक एक Bigbul वारेन बफेट के नाम से भी बुलाया जाता था |

14 अगस्त को इंडियन इकोनॉमी में एक ग्रेट फिलॉस्फर्स खोया वह यह लोग पैसों का नहीं बल्कि एक ऐसे इंसान का था जो इंडिया की ग्रोथ में बिलीव करता था जी हां मैं बात कर रहा हूं । 

 स्टॉक मार्केट की ग्रोथ या कह लें कि इंडिया की ग्रोथ में इनका सबसे बड़ा हाथ है राकेश सर स्टॉक मार्केट में ऐसे मैग्नेट थे जिनकी एक ने उससे पूरे स्टॉक मार्केट में उथल पुथल मत जाती थी ।


  • रिपोर्टर बताते हैं कि लोगों को पता चलता था कि राकेश सर शेयर खरीदने वाले हैं,

  •  तो सभी लोगों ने सोचने लग जाते थे ऊपर चला जाता था सभी लोगों ने शोक से स्टोक्स खरीदने लग जाते थे

  •  और स्टोक्स प्रेस ऊपर चला जाता था और अगर कोई स्टोक्स बचने की न्यूज़ आए तो मार्केट क्रैश होने में भी देर नहीं लगती थी
  •  एक अच्छा निवेश होने के साथ-साथ राकेश सर मूवी प्रोड्यूसर अकाउंटेंट भी थे |

पहले जब उस टाइम में स्टॉक मार्केट के बारे में समाचार पत्रों 
में वीडियो और हर ब्लाक में राकेश झुनझुनवाला इंडियास बिगेस्ट एंड वेस्टर्न बिगबुल लिखा होता था ।

  • राकेश सर का विजन था इंडिया की इकोनामी को एक ऐसी पोजीशन पर लाकर जाना था ।
  • जहां पर वर्ल्ड लीडर्स लाइक अमेरिका चाइना जीसी कंट्रोल कर रही थी।

  •  राकेश झुनझुनवाला में ऐसा क्या था जिसकी वजह से उन्हें इतनी वैल्यू में थी उनकी ऐसी क्वालिटी और सक्सेस हिस्ट्री कर रही थी ।

  • हर ब्लाक में राकेश झुनझुनवाला इंडियाज बिगेस्ट एंड वेस्टर्न लिखा होता था राकेश सर का विजन इंडिया की पोजीशन पर जाना था।

  •  हमारे प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी जी को भी पार कर दिया तो दोस्तों इन्ही सवालों का जवाब लेकर और निश्चिंत वाला सर को म्यूट करते हुए हम आपके लिए आज के वीडियो लाए हैं |

 राकेश ने कहा था 
  • जिससे आपको जानने को मिलेगा कि अपनी पूरी लाइफ में डालने से कौन-कौन से डिसीजन ले वजह से वह 45 करोड़ के फॉर्च्यून को buld कर पाए सीजन जिनकी जिनकी वजह बहुत मशहूर है ।
  •  
  •  राकेश ने कहा था मैं वह तो एक सीनियर ऑफिसर का बेटा मारवाड़ी अग्रवाल महिला केसर का जन्म 5 जुलाई 1960 को एक मारवाड़ी फैमिली में हुआ था।

  •  जब उनके पिता स्टोर के बारे में बातें करते रहते थे तब वह बात सुना करते थे शेरों के बारे में की
  • क्या प्रोडक्शन होनी चाहिए ।
  • कल का स्टॉक ऊपर जाएगा या नीचे घर हर स्टॉक का एनालिसिस करना और नए स्टोर को को ढूंढना एवं कौन सा लॉन्ग टाइम में अच्छा रह सकता है और अच्छा परफॉर्म कर सकता है इसके बारे में जानकारी खट्टा करना।

  • वह जब भी अपने दोस्तों के साथ बैठते हैं अलग-अलग स्टोर के बारे में बातें करते रहते थे।
  • उनके टाइम पर इंटरनेट नहीं हुआ करता था।

पिता से सीखते रहते थे |
  • उनके टाइम पर स्टोक्स की खबर न्यूज़पेपर में आती थी उस पर ही अपनी एनालिसिस करते थे।
  • अपने पिता से सीखते रहते थे और उनका इंटरेस्ट बढ़ता ही चलाएगा।
  • वह एकदम लिमिटेड रिस्क लेते थे। और हमेशा कैलकुलेट करते रहते थे कि कितना इन्वेस्ट करना है और कितना नहीं।
  • पढ़ाई कंप्लीट करने के बाद राकेश ने फाइनली डिसाइड किया जो दलाल स्ट्रीट में काम करेंगे मुंबई में पिताजी का एक घर था  तो उन्हें रहने की कोई खास दिक्कत नहीं हुई और उनके सामने असली दिक्कत तो यह थी कि उनकी जेब में ₹5000 थे।
  • ऐसे में उन्होंने अपने भाई की मदत ली और उनके भाई ने स्टोक्स मार्केट के क्लाइंट से मिलवाया।
  • और
  •  राकेश से कनेक्ट करवाया जिसमें डबल रिटर्न देने का वादा किया तो उनमें से एक लेडिस आई और उन्होंने राकेश को 250000 रुपए दिए और दूसरे ने 1000000 रुपए दिए और इन पैसों से Tata Tea के स्टोक्स 5000 से 43 चल रही थी उन्हें खरीदा था।

  • और देखते ही देखते टाटा टी के शेयर 43 से 143 तक पहुंच गए । और उन्होंने अपने इन्वेस्टर को तीन गुना रिटर्न दिया।




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